Capsule vegetarian and non-vegetarian in hindi
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कैप्सूल से शाकाहारी होते हैं या मांसाहारी कई लोगों में इस को लेकर बहुत कंफ्यूजन है। चलिए आज हम आपकी यह प्रॉब्लम दूर करते हैं। यहां पर आपको बता दें कि कैप्सूल दो तरह के होते हैं शाकाहारी और मांसाहारी।
भारत में जितने भी कैप्सूल बनाए जाते हैं वह अधिकतर नॉन वेजिटेरियन होते हैं जो मुख्यतः जानवरों के द्वारा ही प्राप्त होता है। जिलेटिन पेप्टाइड्स और प्रोटीन का मिश्रण होता है जो कि जानवरों की हड्डियों , खुरो तथा उनके संयोजी ऊतकों में पाया जाता है जिलेटिन रंग हीन होता है और इसका कोई भी स्वाद नहीं होता है इसीलिए ऐसी किसी भी रंग में बनाया जा सकता है इसका इस्तेमाल इसलिए होता है क्योंकि यह सस्ता पड़ता है इसे मुख्यतः सूअरों और मवेशियों से निकाला जाता है। यह सस्ता इसलिए भी है क्योंकि इसके रॉ मैटेरियल काफी आसानी से किसी भी बूचड़खाने से प्राप्त किया जा सकता है इसीलिए यह बहुत ज्यादा सस्ता होता है
कैप्सूल से शाकाहारी होते हैं या मांसाहारी कई लोगों में इस को लेकर बहुत कंफ्यूजन है। चलिए आज हम आपकी यह प्रॉब्लम दूर करते हैं। यहां पर आपको बता दें कि कैप्सूल दो तरह के होते हैं शाकाहारी और मांसाहारी।
non-vegetarian Capsules
vegetarian Capsules
एक दूसरा तरीका भी है इन कैप्सूल को बनाने का। इस तरीके में कैप्सूल की ऊपरी सतह को बनाने के लिए सेलूलोज़ का इस्तेमाल किया जाता है जो मुख्यतः पौधों में पाया जाता है इस तरीके से कैप्सूल बनाना काफी महंगा पड़ जाता है क्योंकि इसमें कई सारे पेड़ों को काटना पड़ जाता है और फिर उसके बाद उसके प्रोसेस करके उससे कैप्सूल बनाना और भी ज्यादा खर्चीला है क्योंकि यह प्रोसेस बहुत ज्यादा जटिल है इससे दवा की लागत दो से तीन गुनाबढ़ जाती है
हालांकि अब यह सोचा जा रहा है कि सारी दवाएं सेलूलोज़ की सहायता से ही बनाई जाए और दवाओं पर मार्क भी किया जाये को शाकाहारी कौन मांसाहारी|
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